‘‘Captain America: Brave New World’’ फिल्म रिव्यु :

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ऐक्टर: एंथनी मैकी,हैरिसन फोर्ड,टिम ब्लेक नेल्सन,लिव टेलर,शीरा हास

डायरेक्टर : जूलियस ओनाह

श्रेणी:English,Hindi, Sci-Fi, Adventure, Action

अवधि:1 Hrs 59 Min

हॉलीवुड फिल्मों में भारत की मौजूदगी पिछले कुछ अरसे से लगातार मजबूत होती जा रही है। फिर चाहे वह हॉलीवुड फिल्मों की भारत में होने वाली शूटिंग हो या फिर उनमें दिखाए जाने वाले भारतीय किरदार हों। मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स (MCU) के फेज-5 की हालिया पेशकश ‘‘Captain America: Brave New World’’ में भारत के प्रधानमंत्री को इतना ताकतवर दिखाया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति भी दूसरे वैश्विक नेताओं के सामने उनकी डांट खा लेते हैं। आप भले ही इसके लिए भारत की मजबूत वैश्विक साख को जिम्मेदार मानें या फिर हॉलीवुड फिल्मों के लिए भारत में बढ़ते दर्शक वर्ग को। हालांकि बात अगर MCU की करें, तो उस लिहाज से यह फिल्म फेज फाइव की दूसरी कई फिल्मों की तरह कमजोर नजर आती है।

Photo Credit: Marvel Studios

‘Captain America: Brave New World’ की कहानी :

फिल्म की कहानी के मुताबिक, फाल्कन उर्फ सैम विल्सन अब नए कैप्टन अमेरिका (एंथनी मैकी) के रूप में चार्ज ले चुका है, वहीं थैसियस रॉस (हैरिसन फोर्ड) ने हाल ही अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। पद संभालते ही उसका सामना एक नई चुनौती से होता है। दरअसल, हिंद महासागर में एक टापू पर एक नई धातु का खजाना मिला है, जिस पर जापान कब्जा जमाना चाहता है। लेकिन अमेरिका विश्व समुदाय को साथ लेकर उसको सबकी भलाई के लिए इस्तेमाल करना चाहता है। इसी दौरान एक अनजान विलेन कुछ ऐसा चक्कर चलाता है कि अमेरिका और जापान के जंगी जहाज एक-दूसरे के सामने आ जाते हैं। अब दोनों ताकतवर देशों के बीच जंग का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में, कैप्टन अमेरिका इस मामले को सुलझाने का जिम्मा उठाता है, जिसमें उसको अपने साथी का साथ मिलता है, जो कि नए फाल्कन के अवतार में है। क्या कैप्टन अमेरिका और फाल्कन मिलकर दुनिया को बचाने का काम कर पाते हैं? यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।

मार्वल यूनिवर्स में हुई भारत की एंट्री :

इस सीरीज की खास बात यह रही कि इस बार भारत को भी एमसीयू में शामिल किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री को खास जगह दी गई है, जिसमें एक सीन में तो वह अमेरिका के राष्ट्रपति पर नाराजगी जताते हुए भी दिखाई देते हैं। निर्देशक जुलियस की यह पहली सुपरहीरो फिल्म हैं, ऐसे में ऐसी फिल्मों को बनाने में अनुभव की कमी दिखाई देती है। कई लेखकों ने मिलकर इसकी कहानी और स्क्रीनप्ले लिखा है। उस चक्कर में कहानी अच्छी होने के बावजूद, बिखरा हुआ स्क्रीनप्ले मजा किरकिरा कर देता है। हालांकि फिल्म के एरियल एक्शन (हवा में किए हुए एक्शन) जबरदस्त हैं, खासकर लड़ाकु विमानों के साथ कैप्टन अमेरिका का टकरना और उन्हें ध्वस्त कर देना।

स्टीव राजर्स की बीच-बीच में आएगी याद :

हले की तीन फिल्मों में कैप्टन अमेरिका रहे स्टीव राजर्स (क्रिश इनान्स) की कमी खलती है। हालांकि बीच-बीच में स्टीव और उनकी बहादुरी के किस्से सुनाकर उस कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाता है। सैम को बार-बार स्टीव के मुकाबले कमतर होने का आत्मसंदेह होता है, लेकिन कहानी उसके पीछे के कारणों को नहीं ढूंढती है।

Photo Credit: Marvel Studios

रौस का लाल हल्क में परिवर्तित होना और फिर उसका कैप्टन अमेरिका के साथ उसकी जबरदस्त लड़ाई फिल्म में ताजगी लाती है। कई फिल्मों और टीवी धारावाहिकों को अपने कैमरे में कैद करने वाले सिनेमैटोग्राफर क्रेमर मार्गेन्थो का काम शानदार है, खासकर एरियल एक्शन सीन में।

एंथनी मैकी ने बाकी सुपरहीरो से बिल्कुल अलग :

अभिनय की बात करें, तो एंथनी मैकी सुपरहीरो की नई परिभाषा लिखते हैं। वह बाकी सुपरहीरो से अलग नजर आते हैं। एक्शन में तो तेजतर्रार हैं। कैप्टन अमेरिका के सहायक के तौर पर डैनी रैमीरेज हंसी के पल ले आते हैं। द इनक्रेडिबल हल्क (2008) से टिम ब्लेक नेलसन की वापसी इस सीरीज में हुई है, नेगेटिव रोल में वह धीमी कहानी में गति लाते हैं। रौस और लाल हल्क की भूमिका में हैरिसन फोर्ड को अपने अभिनय के कई रंग दिखाने का मौका मिला है।

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